अपना कहते-कहते क्यूँ, बीच सफ़र में लूट गया ?
ज़िन्दगी भर साथ निभाने का वादा करके
अब क्यूँ मुझसे वो, पल भर में रूठ गया ?
दुनियाँ भर की सैर करके मेरा हमसफ़र
मंज़िल से पहले अपने ही शहर में छूट गया !
क़िस्मत क्या ऐसी भी होगी, मालूम न था
साहिल से पहले पतवार समंदर में छूट गया !
दिल तक पहुँचते-पहुँचते महबूब का प्यार
क्यूँ ज़ख्म बन कर जिगर में फ़ूट गया ?
आँखों के तीर ठीक निशाने पर लगाकर 'सलीम'
क्यूँ दिल पर निशाना, एक नज़र में चूक गया ?
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दीपावली की दिली मुबारक़बाद आप सभी ब्लॉगर्स और पाठक बन्धुवों को !
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दीपावली की दिली मुबारक़बाद आप सभी ब्लॉगर्स और पाठक बन्धुवों को !
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आँखों के तीर ठीक निशाने पर लगाकर 'सलीम'
क्यूँ दिल पर निशाना, एक नज़र में चूक गया ?----वाह क्या बात है!
shukriya ! shyam jee