आप अंदाजा लगा सकते है की किस तरह से भू माफिया सक्रीय है ! अगर हम तहसील कर्मचारियों की मिली भगत की बात करे तो यह उनके बिना मिले संभव ही नहीं है ! जिस तरह से दस्तावेजो में नम्बरों को इधर उधर किया गया है और तहसीलदार ने चार बिस्वा ही जमीन का पट्टा किया और नम्बरों का हेर फेर कर सरकारी जमीन पर कब्ज़ा किया जा रहा था ! यह बिना तहसील के कर्मचारियों की मिली भगत से हो ही नहीं सकता ! इस मामले में तहसीलदार से लेकर लेखपाल ,कानूनगो व अन्य कई अधिकारी जाँच के घेरे में है ! जिसपर SDM ने जाँच बैठा दी है ! और बताया की इस मामले में जो भी दोषों होगा उसके खिलाफ सक्त से सक्त कार्यवाही की जाएगी ! हलाकि अभी तक भू माफिया लक्ष्मी नारायण और अशोक कुमार फरार है !
जब मौके पर भारी पुलिस बल के साथ एस.डी.एम.भदोही गए तो वहा रातो रात निर्माण कार्य इतनी तेजी से कराया गया की लगभग आधी से ज्यादा जमीन पर चार दीवारी बना ली गयी थी ! और 50 से ज्यादा मजदूर लगे थे ! मौके पर काम करा रहे लोगो से जब पूछा गया की आपकी जमीन तो चार बिस्वा ही है तो पूरी जमीन पर कैसे चार दीवारी बनाई जा रही है ! तो उन्होंने बताया की लक्ष्मी नारायण और अशोक कुमार की जमीन है ! उसी का काम हो रहा है और उतनी ही जमीन घेरी जा रही है जब यह पूछा गया की दीवारी तो 60 बिस्बा में हो रही है वो कोई जबाब उनके पास नहीं था ! और वह अपने आप को बचाते दिखे !
इस समय प्रदेश में भू माफियाओ की नजर उन जमीनों पर है जो सोनी की कीमत की है ! अगर देखा जाय तो व्योसाय ऐसा है की सोने की तरह जमीनों की कीमत है ! यह भू माफिया कुछ सरकारी कर्मचारियों की मिली भगत से बहुत कम पैसा लगाकर कौड़ियो के भाव में जमीन पर कब्ज़ा कर उसी जमीन को सोने के भाव बेचते है ! और यह गोरख धंधा पूर्वांचल में इन दिनों बड़े भू माफियाओ के संरक्षण में फल फूल रहा है ! अगर यदा कदा कभी प्रशासन की आँख खुली तो कार्यवाही हो जाती है नहीं तो यह भू माफिया करोडो में खेलते है ! और भदोही में जिस तरह से तहसील के कर्मचारियों की मिली भगत पाई गयी है तो यह साफ़ दिखाता है की किस तरह से सरकारी अधिकारी मिल कर सरकारी जमीनों का बन्दर बाट कर रहे है !
भाई माफियाओं की चिंता करेगी पुलिस ।
आप तो कुछ ऐसा उपदेश देना शुरू किजिए कि माफ़िया खुदा से मांग लें माफ़ियां ।
सही कहा अनवर जमाल..समाचार देने से क्या फ़ाय्यदा,वो तो अखबारों मे भी होते हैं... सिर्फ़ भदोही में नही सारे देश-दुनिया में यही होरहा है----कुछ कारण व समाधान पर द्रष्टि डाली जाय तो बात बने...