मेरे प्यारे प्यारे साथियों,
हम भारतीयों का पर्व है गणतंत्र दिवस
इस दिन हम स्वयं नहीं वल्कि पूरी दुनिया आंदोलित होती है
और स्वयं में सुधार हेतु अपनी बचनबद्धता को दुहराती है
आईये हम इस दिवस को साक्षी मानकर
सामूहिक रूप से ये शपथ लेते हैं कि
ऐसा कोई भी कार्य हम नहीं करेंगे जिससे दूसरों की भावनाएं आह़त हो ....
आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाईयाँ और कोटिश: शुभकामनाएं !
शुभेच्छु-
रवीन्द्र प्रभात
ऐसा कोई कार्य हम नहीं करेंगे जिससे दूसरे की भावना आह़त हो .. महत्वपूर्ण संदेश……गणतंत्र दिवस की आपको बहुत बहुत बधाई।
सामूहिक रूप से ये सपथ लेते हैं कि
ऐसा कोई कार्य हम नहीं करेंगे जिससे दूसरे की भावना आह़त हो ....
hum aapke saath hai......
हम भी शपथ लेते हैं कि ऐसा कोई काम नही करेंगे जिससे किसी की भावनायें आहत हों। आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
हम भी शपथ लेते हैं कि ऐसा कोई काम नही करेंगे जिससे किसी की भावनायें आहत हों। आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
हम सुधरेंगे..जग सुधरेगा....
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (27/1/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयाँ !!
अपने तो सुधरेगें साथ ही दूसरो को भी सुधरने को प्रेरित करेगें ।
भाई जी आपकी अपिल देश हीत में हैं।
रवीन्द्र भईया आपको गणतंत्र दिवस की हा्र्दिक बधाई ।
धन्यवाद ।
आपकी इस सुन्दर और सारगर्भित सोच को मेरा नमन और गणतंत्र दिवस की बधाईयाँ !
इस देश में असल गणतंत्र दिवस तब होगा जब इस देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पदों पर बैठे लोग देश की जनता के भूख और लाचारी के पैसों से प्रायोजित करोड़ों की सुख सुविधा को त्याग देंगे......और कोई भी हिन्दुस्तानी भूखा नहीं होगा और बोलेगा...........गणतंत्र दिवस.......मनाइए........अभी तो एक करोड़ लोगों का भोजन एक भ्रष्ट मंत्री खा जाता है ........
रविन्द्र भाई जी,
आपको भी गणतंत्र-दिवस की शुभकामनायें!
जय हिंद!
atyant prernadenewala sadesh hai.zahir hai iska hum palan bhi karenge.
रविन्द्र जी, हमारी सोच हमेशा यही रहती है कि किसी कि भावनाओ का आहत न करे किन्तु अज्ञानवश कभी-कभी हो जाता है.
आपकी बातों को अंगीकार करने कि कोशिश करेंगे, अपनी कमियों में सुधार लायेंगे, वादा तो नहीं करेंगे क्योंकि आपको तो मालूम है कि वादा तो................
हाँ आपके साथ हम भी शपथ लेते हैं कि मानव और मानवता के लिए जो भी संभव होगा सार्थक करने का पूर्ण प्रयत्न करेंगे.
आप सभी का बहुत-बहुत आभार !