मन में एक सन्नाटा सा छाया हुआ है। क्या सचमुच वह अब हमारे बीच नहीं रहे ।वह हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के किराना घराने के आखरी बडे गायक थे। संगीत की साधना तो चलती रहेगीं,पर पंडित जी जैसा तपस्वी मिल पाना सहज नहीं होगा ।
पंडित जी की गायकी हमारी धरोहर है।उनकी ईश्वरीय आवाज हमारी परंपराओं में रहेगी। दुख यही है कि अब वह कभी स्वर साधते हुए नजर नहीं आएंगे । संगीत की बिरादरी ने उन्हे 'स्वर भास्कर' कहकर उनके प्रति अपनी श्रध्दा जताई। वह सही मायने में स्वर भास्कर ही है । उनकी गायकी दुनिया को संवारने के लिए है।
हार्दिक श्रद्धांजलि।
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हमारी भी विनम्र श्रद्धाँजली।
विनम्र श्रद्धाँजली
हार्दिक श्रद्धांजलि।
पंडित भीमसेन जोशी को विनम्र श्रद्धाँजली।
हार्दिक श्रद्धांजलि।