पिछली पोस्ट में मैंने ज़िक्र किया था कि क्यूँ स्विस बैंक में जमा पैसा वापिस आना चाहिए, यक़ीन मानिये अगर ऐसा वास्तव में हो गया तो हमारा प्यारा भारत देश पुनः सोने की चिड़िया बन जाएगा. मैं बीती पोस्ट की एक बात दोहराना चाहता हूँ कि अगर स्विस बैंक में जमा रक़म हमारे देश में आ जाती है और इसे हर भारतीय को हर महीने रु. 2000/- दिया जाए तो भी यह रक़म अगले 60 साल तक ख़त्म नहीं होगी. इस वाक्य पर ज़ोर डालिए और फ़िर सोचिये कि किस तरह से ये नेता/घोटालेबाज़/पूंजीपति आदि ने मात्र 64 सालों में ही देश को कितना और किस तरह से नोच-खसोट कर लूटा. आज हर भारतीय का ये फ़र्ज़ होना चाहिए कि इस रक़म को वापिस लाने के लिए आन्दोलन करे, लेख लिखे और पूरी कोशिश करे कि यह रक़म कैसे अपने देश भारत वापिस मंगाई जाए.
ये तो रही स्विस बैंक में जमा देश की काली पूंजी की बात. मैं इस पोस्ट में देश में स्थापित देसी स्विस बैंक का खुलासा करूँगा ! आगे पढिये...
अलमारी, बेड और सूटकेस में भरे नम्बर 2 की आमदनी के बड़े नोट:
बड़े-बड़े मगरमच्छ जिनकी नम्बर 2 आमदनी रोज़ाना लाखों रूपये हैं, के घर में उनकी अलमारियों में, सूटकेश में, बेड के अन्दर 1000 और 500 के बड़े नोट भरे पड़े हैं. ये वो रक़म है जो उन्हें घूस के रूप में, उनके विभाग में किये गए किसी घोटाले के द्वारा और अन्य नम्बर दो तरीक़े से की गई आमदनी से प्राप्त हुई होती है.
अगर सरकार इन बड़े नोटों का प्रचलन तत्काल प्रभाव से रोक दे तो यह बड़े नोट उनकी अलमारी में पड़े रह जायेंगे. जैसा कि हम सब जानते है कि सरकार जिस नोट को बन्द करती है तो उसे रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया में जमा करने की ताक़ीद करती है और जहाँ तक हम-आप जैसे आम भारतीय की बात है तो वह सीना तान कर कुछ नोट जो उसकी जेब में होते है को वहाँ जमा कर छोटे नोट ले आ जाएगा.... लेकिन वही ये काले अँगरेज़ किस मुहँ से ट्रक में भर कर रिज़र्व बैंक तक ये बड़े नोट ले जा पाएंगे, सोचिये. इस तरह से भारतीय रूपये की क़ीमत अपने आप मज़बूत हो जायेगी.
अगर इच्छाशक्ति हो तो यह काम हमारी सरकार दो हफ्ते में कर सकती है....!!!!!!!!!!!!!!
क्यूँ सही कहा ना...!
अति सुन्दर. यदि वास्तव में बड़े नोटों पर रोक लाग जाय तो काफी हद तक भ्रस्टाचार रोका जा सकता है, यही बात बाबा रामदेव ने कही थी किन्तु मेरे जैसे मंदबुद्धि की समझ में नहीं आया था की ऐसा कैसे हो सकता है की बड़े नोटों पर बैन लगाने से काफी हद तक इस समस्या पर विराम लग पायेगा. किन्तु आज समझ गया. धन्यवाद.
करके देखने में हर्ज़ ही क्या है....
अति सुन्दर लेख।
सलीम भाई,
लेकिन जब पूरी दूनिया जानती है कि कलमाणी और २ जी स्पेक्ट्रम के अभियुक्त राजा बडे घोटालो मे लिप्त है, तो सरकार ने कई महिनो के बाद जांच एजेंसी को आदेश देती है की उनके खिलाफ कारवाई करो तबतक अपराधी सबूत मिटा चुके होते है । सरकार जब भ्रष्टाचारियो के साथ है तो क्या हम ऐसे क्रान्तिकारी फैसले लेने की उम्मीद सरकार से कर सकते है। जब पूरे सिस्टम मे ही दोष है तो इन घोतालो से इतने जल्दी मुक्ती हमें नही मिलने वाली लेकिन एक उम्मीद ही कर के देखते है।
सलीम भाई एक अच्छी सोच के साथ आपने ये लेख प्रस्तुत किया ,जो काबिले तारिफ है।
धन्यवाद जी जल्द ही आपसे एक और आंकडो से भरे लेख की उम्मीद करते है ।
१००० कि नोट पहले भी बंद कि जा चुकी है , इसका असर छोटे चोरों पे होता है ना बड़े. सलीम साहब इस पोस्ट को सेव करलें. LBA से पोस्ट भे ग़ायब हो जा रही है..
nice