क्या डा. श्याम गुप्ता जी को ब्रह्मा जी के गुण और कार्यों से संबंधित धार्मिक लेख इस साझा ब्लाग पर छापने से रोका जाएगा कि नहीं ?
अगर उन्हें नहीं रोका जाता है तो फिर उनके लेख पर उठने वाले सवालों को बाद में एलबीए पदाधिकारीगण कैसे रोक पाएंगे ?
क्या विज्ञान भी वैदिक धर्म का ही एक अंग नहीं है ?
क्या वैदिक विज्ञान का प्रचार करना भी वैदिक धर्म के ही एक अंग का प्रचार करना नहीं है ?
डा. श्याम गुप्ता जी ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि उत्पन्न किया जाना मानते हैं। सृष्टि की उत्पत्ति के इस प्रकरण में सरस्वती और कामदेव का ज़िक्र भी आएगा और उसमें अलग अलग लोगों के अलग अलग मत हैं।
क्या ऐसे विवादित प्रकरण को यहां उठाया जाना उचित है ?
मेरी समझ में तो जो भी नियम हो वह सभी पर लागू होना चाहिए और यहां किसी भी धर्म के ग्रंथ का उद्धरण देना वर्जित होना चाहिए ताकि धर्मग्रंथ के विषय में ऐसी कोई बहस का सिलसिला यहां शुरू न होने पाए जैसी बहसें मेरे ब्लाग पर अक्सर होती हैं, उदाहरणार्थ-
1.Mandir-Masjid मैं चाहता हूं कि अयोध्या में राम मन्दिर बने - Anwer Jamal
2.The message of Eid-ul- adha विज्ञान के युग में कुर्बानी पर ऐतराज़ क्यों ?, अन्धविश्वासी सवालों के वैज्ञानिक जवाब !
3.मसीह का मिशन था ‘सत्य पर गवाही देना‘ - Anwer Jamal
क्या मेरे इस सुझाव से सहमत होने में किसी को कोई संकोच है ?
http://vedquran.blogspot.com/2010/09/mandir-masjid-anwer-jamal.html
http://islamdharma.blogspot.com/2010/11/message-of-eid-ul-adha-maulana_17.html
http://vedquran.blogspot.com/2010/10/what-was-real-mission-of-christ-anwer.html
इस विषय में पूरी जानकारी के लिए नीचे दिए गए शीर्षक पर क्लिक करें -
भाई सलीम ख़ान जी , रवीन्द्र प्रभात जी, ज़ाकिर अली "रजनीश"जी , रणधीर सिंह "सुमन"जी , ज़ीशान जैदी साहब , अनवारुल हसन साहब , मिथिलेश दूबे, गुफ़रान सिद्दीक़ी, डी. पी. मिश्रा जी,
बहन रेखा श्रीवास्तव जी, बहन रेखा सिन्हा जी, बहन डॉ. निरुपमा वर्मा जी,बहन ज्योति वर्मा जी हमें लगता है अब आप सब को जबाब देना चाहिए. मेरी राय यह है कि सभी लोग मिलकर सर्व सम्मति से सबको कुछ भी लिखने कि छूट दे दीजिये ताकि लोग अपने मन कि जहर उगल ही दे. बार- बार हिन्दू मुस्लिम कि रट लगायी जा रही है. डॉ. श्याम गुप्ता जी किसी धर्म कि बुराई नहीं लिखते बल्कि अ[न विचार रखते है. वह भी किसी कि बुराई लिखे बगैर.हमें लगता है यह एक ज्ञान वर्धक पोस्ट है. बिना किसी को नीचा दिखाए कोई भी कुछ लिखे. अब कोई हिन्दू-मुस्लिम कि बात नहीं होनी चाहिए. यहाँ सब एक परिवार के सदस्य है. कोई अलग नहीं है. फिर भी इतना आक्रोश: अफ़सोस जनक.
ये पोस्ट मात्र किसी को नीचा दिखाने और तुच्छी वाहवाही के लिए लिखा गया है । कृपया इस पोस्ट पर कमेंट ना करे । आज से इस ब्लोग पर किसी के खिलाफ या धर्म पर लिखे गए लेखों का वहिष्कार होगा ,हम ऐसे पोस्टों पर कमेंट नहीं करेंगे ।
मिथिलेश धर दुबे
कार्यकारिणी सदस्य
लखनऊ ब्लोगर एसोशिएशन
सीधी सच्ची बात का विरोध क्यों ?
@ मिथिलेश जी ! इस पोस्ट में तो किसी भी आदमी को बुरा नहीं कहा गया है तो फिर किसको नीचा देखना पड़ गया है ?
इस पोस्ट में संयोजक जनाब सलीम ख़ान साहब की पोस्ट की वाहवाही मैंने ज़रूर की है, वह तुच्छ वाहवाही कैसे है ?
उनकी तारीफ़ से तो आपको ख़ुश होकर यह कहना चाहिए था कि हां , LBA के सभी सदस्यों को उनकी तरह ऐसे लेख लिखने चाहिएं जो दो और दो चार की तरह क्लियर हों और उनमें किसी धर्म के सिद्धांत और परंपराओं के हवाले न दिए जाएं । जिसे ऐसा करना हो वह अपने निजी ब्लाग पर ऐसा कर ले।
इसमें कौन सी बात किसको नीचा दिखा रही है भाई ?
एक सही बात का भी विरोध आप क्यों कर रहे हैं ?
मैं तो आपके द्वारा कही गई बात को ही तो दोहरा रहा हूं।
आप कहें तो सही और वही बात हम कहें तो ग़लत ?
यह भेदभाव क्यों ?
प्यारी माँ
नो कमेन्ट्स...