हालाँकि माननीया अध्यक्षा महोदया श्रीमती रेखा श्रीवास्तव जी ने जो निति-नियम हम सबको बताये वह अपने आप में काफ़ी में और उस पर अमल में लाकर हम यक़ीनन एक अच्छे वातावरण का ब्लॉग-परिवार कहला सकते हैं. पिछले कुछ दिनों में जो कुछ उठा-पाठक हुई उसमें मेरी चुप्पी का मकसद बस इतना था कि वक़्त सब कुछ ठीक कर देता है. हमारे पदाधिकारी-गणों ने जो एक जुटता दिखाई वह भी कुछ पूर्वाग्रही लोगों के मंसूबों पर पूरी तरह से सुनामी फ़ेर चुका है. और सबसे बड़ी बात मैंने इसमें सिर्फ ईश्वर का सहारा लिया जिसने मुझे संयम बरतने की ताक़त दी.
बहुत पहले जब मैंने LBA बनाया तो यक़ीन मानिये मेरे ज़ेहन में सिर्फ़ एक ही मकसद था और वह था::: उत्तर प्रदेश के ब्लॉगर्स की ताक़त को पूरे भारत में दर्शाना !. LBA के बाद AIBA का गठन भी कुछ इस तरह से हुआ है. कुछ लोग जो उस वक़्त LBA को सिर्फ़ इस्तेमाल करना चाहते थे उनका क्या हश्र हुआ सब जानते हैं. आने वाले वक्तों में भी अगर उन्होंने LBA अथवा मेरे प्रति अपने पूर्वाग्रही सोच को न बदला तो मेरे पास सिर्फ़ एक ही हथियार है और वह है ईश्वर से दुआ करना.
ब्लॉग जगत में सभी ब्लॉगर्स समान है
एक ब्लॉगर एक नहीं, सैकड़ों ब्लॉग बना सकता है, इसके लिए न तो कोई नियम हैं और न ही रोक. पिछले दिनों कई एसोशियेशन बन कर आये जिसके एक ही नाम थे. ऐसा करके हम अपनी शक्ति को बाँट देते हैं. अगर हम परिवार में है तो उसका लिहाज़ भी करें. हालाँकि ब्लॉग जगत में कुछ ऐसे तत्व हैं जो तोड़फोड़ की राजनीती में व्यस्त रहते हैं मगर कोई क़दम उठाने से से पहले हमें यह सोचना चाहिए कि जिस भी ब्लॉग पर हम जवान हुए और पहचान मिली उसके प्रति ईमानदार रहें. गलतियाँ किससे नहीं होती है, मुझसे भी हुई हैं!
हमारीवाणी की निष्पक्ष छवि
ब्लॉगवाणी और चिट्ठाजगत बहुत ही उम्दा ब्लॉग-संकलक थे. मगर उसका इस्तेमाल कुछ ख़ास ब्लॉगर करते थे. दोनों ही संकलकों ने ऐसे नियम बना रखे थे जिसके चलते नए ब्लॉगर्स अथवा असल प्रतिभावान ब्लॉगर को अवसर नहीं मिल पाता था. ऐसा नहीं था कि उनका ब्लॉग चलता नहीं था अथवा उनके ब्लॉग पर पाठक जाते नहीं थे बल्कि होता ये था कि ब्लॉग-जगत में माफ़ियागिरी ख़ूब चल रही थी. कुछ ब्लॉग संकलकों ने शीर्ष 40 ब्लॉगरों की लिस्ट को बक़ायदे मेंटेन कर रखा था अथवा कुछ ने मनमाने तरीके से चन्द ब्लॉगरों की पोस्ट को तरजीह दे रहे थे. इस नज़रिए से हमारीवाणी एक निष्पक्ष ब्लॉग-संकलक है.
औसतन सक्रिय रहें:
LBA के सदस्यों में कुछ ऐसे भी है जो बिलकुल ही निष्किय हैं, उन्हें चाहिए की वे पूरी तरह से न सही कम से कम औसतन सक्रिय रहा करें. अगर ऐसा न हो सकेगा तो उनकी निष्क्रियता को जगाने के लिए अध्यक्षा महोदया जी की तरफ़ से मेल जायेगी और तीन मेल के बाद उनकी सदस्यता निष्क्रिय कर जायेगी.
-बातें अभी बहुत हैं, गुफ़्तगू जारी रहेगी.
प्रार्थना में अपार शक्ति है , आपने सच कहा है .
जहा पूर्ण विश्वास के साथ दुवा की जाय वह दुआ हमेशा कारगर होती है.