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सोमवार, फ़रवरी 21, 2011

सोमवार, फ़रवरी 21, 2011 21



आदरणीय अनवर भाई और LBA परिवार के सभी भाई बहनों

अनवर भाई, आप शायद कई बातें बहुत जल्दी भूल  जाते हैं.मैंने आपको बड़ा भाई कहा है. और बड़ा भाई छोटे भाई को सँभालने की जिम्मेदारी से भाग जाय भला ऐसा हो सकता है कदापि नहीं, जरा अपनी लिखी बातों पर गौर फरमाए,
""अगर सत्य सुनने से आपको मेरे कहने के बाद भी ऐसा महसूस होता है कि आपको नीचा दिखाया जा रहा है तो मैं आगे से यहाँ कम आऊंगा ।""

आपने खुद ही कहा यहाँ  पर कम  आऊंगा.  यानि खुद छोड़ने की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि कुछ देर के लिए रूठने की बात ही कर रहे है. और रूठने वाले को मनाना  कोई मुश्किल काम नहीं और आप जैसे बड़े भाई  को मनाना  बहुत ही आसान है. मैं आपकी परीक्षा ले चुका हूँ , और आप पूरे  सौ नंबर से पास हुए है.,, यदि बहुत जानकर हैं, यही बता दीजिये आपकी परीक्षा कहा हुई थी, 
आपके अन्दर इंसानियत भरी हुई है, आपका दिल बहुत बड़ा है एक संवेदन शील कलाकार की तरह, एक जहीन इन्सान है पर मेरी नजर में, इस बात पर ध्यान दीजियेगा मैं कह रहा हू मेरी नजर में, यानि एक छोटा कह रहा है अपने बड़े भाई से,  न किसी हिन्दू से और न किसी मुसलमान से, मेरे भावों में न तो अनवर है और न ही हरीश , .....  आपमें लचीला पन नहीं है, आपमें झुकाव नहीं है. इसके पीछे कही न कही अहंकार लगता है. [जबकि यह सच नहीं है] यह दोनों गुण मैं आपमें देख चुका हु, बस उसे आप बाहर निकलने नहीं देते हैं. आपको लगता है की आप कही झुक गए तो कही आपका सम्मान घट न जाय,,,,, जबकि आपका कद सभी की नजरो में बढ़ जायेगा, यह भी मेरा ही विश्वाश है. ........... और जरुरी नहीं की मैं सही ही  हू.


इंसानियत  सभी में है किन्तु हर व्यक्ति की  परिभाषा अपनी अपनी होती है. किन्तु मेरी परिभाषा क्या है उसे मैं बता रहा हू..............,
मैं एक अदना सा इन्सान हु. मैं एक गरीब घर का बच्चा था, मेरी परवरिश किसी बंगले में नहीं. एक कच्चे मिटटी के मकान में हुई, शहर से दूर एक गाँव में हुई, उस गाँव में एक मुसलमान भी आता था, अभिवादन की  भाषा. कुछ और नहीं "जय राम जी की"  होती थी, और हमारे बड़े बुजुर्ग कहते थे "आव हो मौलाना," लोग प्रेम से बैठे रहते थे घंटो बात करते थे, उन लोंगो में मुझे कोई हिन्दू या मुसलमान नहीं सिर्फ दो इन्सान दिखाई देते थे. धर्म के नाम पर किसी को नीचा दिखने या दिखाने की इच्छा नहीं होती थी, उम्र के हिसाब से सम्मान देने की बात करते थे. और मैंने हमेशा सीखा वही जो देखता था. मैं उम्र को सम्मान  देता हु, रिश्तो को सम्मान देता हु, 
जाती धर्म को नहीं उस संस्कार को धर्म, मान की  जो मुझे विरासत में मिला , आपके धर्म में मां के पैर नहीं छूए  जाते. मेरे यहाँ छूए जाते है, तो मैं अपने मित्र समसुद्दीन मुन्ना {मो.09026783724 } की मां के पैर भी छूता हु क्योंकि वहा  मुझे कोई मुसलमान नहीं दिखता हिन्दू नहीं दिखता बल्कि मां दिखती है. आप ही कहते है न की जन्नत माँ की कदमो में होता है. यह क्यों नहीं कहते जन्नत मुसलमान मां की कदमो में होती है. क्योंकि आप भी मानते है न मां को किसी धर्म में नहीं बँटा जा सकता........ बंटेगा तब जब उसे हम सिर्फ एक औरत के रूप में देखेंगे..... और मेरे जितने दोस्त है वे चाहे किसी जाती  के हो किसी धर्म के हो वे मेरे भाई बन जाते हैं, चाहे बड़े बने या छोटे........  जब उन्हें मैं अपना भाई बना लेता हु तो, उनके सभी रिश्ते को अपना लेता हु तब वे मेरे लिए वे सब हिन्दू या मुसलमान नहीं रह जाते. ...... वे मेरे साथ जमकर होली मनाते हैं और मैं ईद बकरीद पर जमकर दावते उडाता हू . .. क्या मजा आता है ............. आपको एक घटना बताऊ. मेरा एक मित्र है जमाल खान .....  वह मेरे साथ मेरी रिश्तेदारी में गया.... मैंने उसे पहले  ही बता दिया यह सब पुराने ख़यालात के  है. भैया वे ठाकुर साहेब अभी तक बने है...... जमाल का नाम राहुल सिंह कर दिया. वह मेरे साथ एक दिन रहा और राहुल सिंह बनकर मेरे साथ खाया पिया, बात की हंसी मजाक हुआ...  हम चले आये........  उसे भी मजा आता था.....  वह साथ में  आठ बार मेरे साथ गया.    जब वे लोग जाने तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा, हँसे मजाक हुआ फिर भी बर्ताव वही रह गया  क्योंकि  लगाव का रिश्ता बन गया था. मेरी बुआ उसकी बुआ बन चुकी थी. हम दोनों एक सामान हो गए थे.        मुझे नहीं लगता हमारा धर्म भ्रष्ट हो गया.......... हम आज भी हिन्दू है और हिन्दू होने पर हमें गर्व है. ...........   हमें अपने उन मुसलमान दोस्तों पर भी फख्र होता है. जो हमें रोज़ा अफ्तारी में बुलाते हैं जबकि हम रोज़ा नहीं रखते.......  पर अजान होने इंतजार तो हम भी करते है..... जब आपकी अजान होती है...... अल्लाह हो अकबर की सदा गूंजती है तो वहा  भी हमें अपने खुदा अपने  भगवान का एहसास होता है........ वह हमें सबका रक्षक  सबका अभिभावक  दिखाई देता है.....  और वह कोई दो नहीं होते वहां एक ही होता है वह खुदा है की भगवान मैं नहीं जानता........... वह मुझे हिन्दू मुसलमान नहीं मेरा अपना दिखता है........ 
अनवर भाई............. जब हमारे यहाँ दशहरा के दिन दुर्गा प्रतिमा विसर्ज़ान का जुलूस निकलता है तो,,,,, जामा मस्जिद  तकिया कल्लन शाह पर पानी पिलाने का काम करते हैं. ...... तब उन्हें कोई मुसलमान नहीं कहता और वे भी हिन्दुओ का जुलुस नहीं कहते............ वे भी उस जुलुस का सम्मान करते है क्योंकि उस पर्व के साथ मां शब्द जुड़ा है. और मां तो सभी की होती है......   भले  ही शब्दों के साथ किन्तु एक रिश्ते का एहसास तो हो रहा  है............ फिर भी उन्हें मुसलमान हो ने पर गर्व है............


भाई रिश्ता हर धर्म पर भारी है...........यदि माने तो इस्लाम धर्म ही नहीं हर धर्म इंसानियत की शिक्षा देता है........ बस हमारे अन्दर बसी रूढ़िवादिता, हमारे अन्दर बसा अहंकार कही न कही हमारे इंसानियत  को बाहर नहीं आने देता और कभी न कभी विवाद को पैदा करता है............ 


जिस तरह आपको मुसलमान होने पर गर्व है उसी तरह हमें अपने हिन्दू होने पर गर्व है................... लेकिन हम सभी के अन्दर एक इंसानियत धर्म भी होना चाहिए,,,,,,, ताकि हमारे अन्दर एक मजबूत रिश्ता  हो  ..........
और मेरा वही रिश्ता लखनऊ ब्लोगर असोसिएसन से है............ यह मेरा परिवार है..... 
अब सभी से.............
उत्तरप्रदेश ब्लोगर असोसिएसन बनाने पर हमें मिथिलेश को विभीसन, जयचंद कहा गया, दो मुह वाला साप कहा गया... तमाम बाते कही गयी........  डॉ. ने एक छंद छोड़ दिया,,,  कोई बता सकता है की.... मैंने LBA के किस नियम को भंग किया है........ बल्कि अपनी जिम्मेदारियों से भागा नहीं.. प्रमुख प्रचारक के पद को बखूबी निभाया....  मेरा कार्य प्रचार करना था.......... मैंने किये.... UPA बनने के बाद कई ब्लोगरो ने हमारा सहयोग करना शुरू किया......... कई ब्लोगों पर LBA और UPA की चर्चा होने लगी...... काफी दिन से सोये पड़े सलीम भाई भी जग गए..................... LBA का रूप रंग भी बदल गया........... जब रनवे पर दौड़ रही  प्लेन उडान भरनी शुरू की तो कई लोग अपने बेल्ट सँभालने लगे.......... LBA को आगे बढ़ना था वह बढ़ गया जो लोग संभल नहीं पाए वे पीछे रह गए...... अब साथ में UPA भी आगे बढ़ने लगा तो मैं क्या करूँ............. अब शो -रूम के आगे पंचर की दुकान भी चल निकली तो मेरे क्या भूल है.............. सलीम भाई द्वारा दिए गए दायित्व को मैंने बखूबी निभाया है...... बिना कोई नियम भंग किये.....................
मुझे लगा की जिस तरह मेरा विरोध हो रहा है......... मिथिलेश का विरोध हो रहा है............ सलीम भाई, अनवर भाई  भले ही मेरे साथ हैं किन्तु भैया बहुमत का जमाना है........ मैं देख रहा हु हम लोगो के खिलाफ खूब वोटिंग हो रही है................ सरकार गिरने { परिवार को भंग} से बचने के लिए सलीम भाई हमें बाहर का राश्ता दिखाने को मजबूर हो जाय..... तो इस लखनऊ के विधान सभा में प्रश्न पूछने का मौका  फिर मिले की नहीं  नहीं  तो बताईये मेरा धर्म {इंसानियत का} कहा बुरा है......... मैंने LBA का कौन सा नियम भंग किया है....... मैंने अपने पद के साथ कौन सी गद्दारी की है........
आप सभी से मैं रिश्ते बना चुका हू........... आप सभी मेरे भाई है............ जो भी आरोप लगाना है खुलकर लगाईये........ मुझे बुरा नहीं लगेगा.......... मैं सभी का जबाब दूंगा............


मेरी वजह से किसी को भी मानसिक दबाव न हो सभी में परिवार वाद बना रहे...... अब देखिये केंद्र व प्रदेश में परिवारवाद  का ही बोलबाला है. लोग समझने लगे है की परिवार  जितना मजबूत   हम उतने ताकतवर......... तो हमारा LBA ताकतवर रहना चाहिए....  अब हम भगोड़े तो हो नहीं सकते हा परिवार एकजुट रहे इसके लिए क़ुरबानी दे सकते है...........

21 पाठकों ने अपनी राय दी है, कृपया आप भी दें!

  1. आपमें लचीला पन नहीं है, आपमें झुकाव नहीं है. इसके पीछे कही न कही अहंकार लगता है. [जबकि यह सच नहीं है] यह दोनों गुण मैं आपमें देख चुका हु, बस उसे आप बाहर निकलने नहीं देते हैं. आपको लगता है की आप कही झुक गए तो कही आपका सम्मान घट न जाय,,,


    हरीश जी, आपने सही कहाँ लचीलापन अपने अन्दर लाने से इंसान का कद घटने के बजाय और उचा हो जाता है ।
    आपके उम्दा और सटीक लेख के लिए आपका आभार ।

  2. भाई हरीश सिंह जी ! आपकी पोस्ट पढ़कर मेरी आत्मा को आनंद इतना मिला है कि मेरी आँखों से भी अमृत बह रहा है । इस आनंद को खूब महसूस कर हूँ तब ही कुछ कह पाऊंगा और कुछ जरूरी नहीं कि मैं कुछ कहूँ ।
    बेऐब केवल ईश्वर अल्लाह है । आपके भाई में कुछ कमी भी है तो आप निभाइये उसे । आपको या दुबे जी को LBA से हटा सके इतना दम तो अभी किसी राक्षस में है नहीं ।
    इस पूरे विरोधवाड़े के समूल नाश के लिए मालिक के फ़ज़ल से उसका एक ही बंदा काफ़ी है ।
    हम हर जगह साथ रहेंगे LBA में भी , UBA में भी और जन्नत और स्वर्ग में भी इंशा अल्लाह ।

    HBFI में भी आपका और दुबे जी का और आपके तमाम समर्थकों का स्वागत है ।
    कृप्या अपनी ईमेल आईडी भेजें ताकि यह ब्लागजगत देखे कि असहमति के बावजूद एकता और प्रेम की मशाल से आपस में विश्वास का उजाला कैसे फैलाते हैं LBA बंधु ।

  3. SHIV SHANKAR KII AMULY BAAT:::

    लचीलापन अपने अन्दर लाने से इंसान का कद घटने के बजाय और उचा हो जाता है

  4. भाई हरीश सिंह जी ! आपकी पोस्ट पढ़कर मेरी आत्मा को आनंद इतना मिला है कि मेरी आँखों से भी अमृत बह रहा है । इस आनंद को खूब महसूस कर लूं तब ही कुछ कह पाऊंगा और कुछ जरूरी नहीं कि मैं कुछ कहूँ ।
    बेऐब केवल ईश्वर अल्लाह है । आपके भाई में कुछ कमी भी है तो आप निभाइये उसे । आपको या दुबे जी को LBA से हटा सके इतना दम तो अभी किसी राक्षस में है नहीं ।
    इस पूरे विरोधवाड़े के समूल नाश के लिए मालिक के फ़ज़ल से उसका एक ही बंदा काफ़ी है ।
    हम हर जगह साथ रहेंगे LBA में भी , UBA में भी और जन्नत और स्वर्ग में भी इंशा अल्लाह ।

    HBFI में भी आपका और दुबे जी का और आपके तमाम समर्थकों का स्वागत है ।
    कृप्या अपनी ईमेल आईडी भेजें ताकि यह ब्लागजगत देखे कि असहमति के बावजूद एकता और प्रेम की मशाल से आपस में विश्वास का उजाला कैसे फैलाते हैं LBA बंधु ।

  5. धन्यवाद सलीम भाई, अनवर भाई, शिवशंकर जी,
    अनवर भाई आपने लिखा है..........
    ईमान की ताक़त परमाणु बम की ताक़त से ज़्यादा होती है The power of Iman
    सच बात है इमान की ताक़त सबसे बड़ी है, इमान सिर्फ कुरान पढने से नहीं होता है. उसे आत्मसात करने से से होता है. सिर्फ मुसलमान होने से, हिन्दू होने से, गीता पढने से, रामायण पढने से कोई इमान वाला नहीं हो जाता है. वेद पढने से कोई ज्ञानी नहीं हो जाता है. जब उन धर्मशाश्त्रों में कही गयी बातों को दिल से अपनाएंगे नहीं, अपने आचरण को बदलेंगे बही तब तक हमारे अन्दर इमान नहीं आ सकता.
    मैं हिन्दू हु और मुझे हिन्दू होने पर गर्व है. आप मुसलमान हैं. आपको मुस्लमान होने पर गर्व होना चाहिए. किन्तु हिन्दू या मुसलमान होने से नहीं बल्कि समाज में प्रेम भाईचारा का वातावरण पैदा करना है तो हमें इन्सान बनना होगा. आपने जो उअदहरण उस पोस्ट में दिया है वह सिर्फ एक मुसलमान ही नहीं है वह एक सच्चा इन्सान भी है. और यह इंसानियत किसी भी धर्म को मानने वाले के अन्दर होनी चाहिए.
    हमारे जीवन में कुछ घटनाये घटी है........ वह मैं कल से LBA पर पोस्ट करूँगा वह भी प्रमाण के साथ, जिसके बारे में लिखूंगा उसके मो. न. के साथ ताकि आप तस्दीक कर सके. तब बताईयेगा क्या वह करने के लिए मुसलमान होना जरुरी था.

  6. अब यही देख लीजिये. कोई विवादित बात लिखी होती तो सभी लड़ने चले आते, डंडा लेकर मुझ पर टूट पड़े होते, सामने होता तो शायद सर फोड़ देते, और जो लोग मेरे ऊपर आरोप लगा रहे थे जब उनसे मैंने पूछा भैया बताओ मैं गद्दार कैसे कैसे हु, कैसे लब़ा की थाली में छेद किया, कैसे जयचंद हू तो सभी लोग गायब है. अनवर भाई मेरा इ-मेल है........ editor.bhadohinews@gmail.com

  7. FOTOOOOOOOOO ZABARDAST LAGAYA HAI BADE BHAIYA !!!!!!!!

  8. kyon majak uda rahe hai bade bhai....
    aap dono hamare bade bhai hai. ek umra me to ek anubahav me.

  9. harish jee,

    vinamrata se kahi hui baat bahut vajan rakhti hai aur aapka vinamra aagrah anavar jamal bhai ko bahut bhaya hai. yah parivar isi tarah se prem ke sath phalta phoolata rahe yahi kaamana hai. shikave aur shikayaten to hoti hi rahati hain lekin ve pratishtha ka prashna nahin banani chahie.

  10. रेखा जी, जब भी आपकी तस्वीर देखता हू, मुझे अपनी माँ की झलक दिखती है, प्लीज मुझे हरीश जी नहीं सिर्फ हरीश का संबोधन किया करें.

  11. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

  12. @ भाई हरीश सिंह जी ! आपने अपने ब्लाग पर भी यह पत्र प्रकाशित किया है और वहाँ जनाब सुशील बाकलीवाल जी के पूछने पर मुझे लगा कि जिस पोस्ट से आपकी और मेरी इस गुफ्तगू की शुरुआत हुई है उसका लिंक भी लोगों के सामने रहे तो उनके लिए बात को उसके तमाम पहलुओं के साथ समझना आसान रहेगा . तब मैंने सुशील जी से कहा कि...

    @ जनाब सुशील बाकलीवाल जी ! पूरी बात जानने के लिए निम्न पोस्ट देखना ज़रूरी है.
    ईमान की ताक़त परमाणु बम की ताक़त से ज़्यादा होती है The power of Iman

  13. anwar bhai. aap musalman hai. main hindu. par aap mere bade bhai hai. main jaldi hi LBA se bahar nikala jane wala hu hu. kyon jab mujhe nikal diya jayega tab bataunga. mujhe pata hai salim bhai kiski vajah se dabav me hai. aur ek bat bata du ek din main aapke ghar aaunga aur aap mujhe usi tarah milenge jaise ek bada bhai apne chote bahi se milta hai. yah mera wada hai.

  14. @@ कौन अफवाह फैला रहा है कि आपको निकाला जायेगा ?
    गलत बातों को मन में जगह मत देना कभी .
    आपका बड़ा भाई जब जिंदा है तब तक आप यहीं रहेंगे .
    मुझे निकाल सके इतना दम किसी में है नहीं ठाकुर साहब .
    मैं अपने अहंकार को हमेशा ऐसे मौकों के लिए ही बचाकर रखता हूँ.

  15. हरीश भाई, आप हिन्दू हो और मैं मुसलमान हूँ.

    मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना.

    आप LBA में तब तक रहेंगे जब तक आप चाहेंगे, इंशाअल्लाह !

    जो भी रावण आपको बहका रहा है वह गद्दार है और आपका ख़ैरख्वाह नहीं है.

  16. सत्य वचन सलीम भाई ।

    जो ऐसा कह कर आपस में फुट डालने की कोशिश कर रहा है वो कलयुगी रावण का ही पार्ट अदा कर रहा है ।
    धन्यवाद ।

  17. हरीश सिंह @ jee abhee bhee main jawan hoon..

  18. जिस तरह आपको मुसलमान होने पर गर्व है उसी तरह हमें अपने हिन्दू होने पर गर्व है.
    .
    गर्व से कहो हम इंसान हैं

  19. देर आयद दुरुस्त आयद....

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Tips & Tricks WILDLIFE aag aankh aarati ajadee alankar alvida aman ka paigham amrit anchal anugeet chhand arab india relation arth asmyik hindi kavita atal biharee ayodhya balidan banee basant bhagat azad. bhajan bhasha bhav bimb bhojpuree bhojpuri doha bhoo bhopal book review bundelee chatushpadee chhatisgarhee chunautiyan chunav creation creatior daman dandkala chhand dard dard una ladakon ka desh dharm aur lekhan dhool dhuaan dil doha gazal dohe durmila chhand educational institute in india elegy emaan falak fasal galib ganesh datt sarasvat gantantra divas garal gas treagedy geeta chhand geetika ghalib gulf news haiku hamara dharm harish singh harsh hindee ke haiku hindi laghu katha hindi short story. kargil hindi shortstory hindi smriti geet hinsa aur ham http://sajiduser.blogspot.com/ http://www.sajiduser.blogspot.com/ imarat. india is great india. indian women and arabian shekh indipendence day jabalpur. jannah is man's destination jantantra jhulna chhand kabeer kaikeyee kamand chhand kamlinee kamroop chhand khalish khazana. kiran kriti charcha laghukatha lakhnaoo laloo laxmi lay lokneeti. loktantra lotus love manav mandir manhagaayee marhatha chhand maut meeran krishna megh mekal mirza ghalib narmada neta pakistan pita father's day prakriti prarthna pratibandh pratibha prem pyar quran and gayatri mantra rachna rachnakar radha rajneeti ram janm bhoomi ras sabab sada sakhee salgirah. sanjiv sansadji.com saraswati sat satyagrahee. sanjiv 'salil' shaheed shakeel badyoonee ship shiv shok geet shok samachar sincerity in intention sitasat siya soniya gandhi stuti sundar svasthya aur uchit ilaj svatantrata swaroopanand tadbeer talent. tam taqdeer the world is not enough tomorrow may be or not may be toofan tribhangi chhand ujala ummeed ved and quran ved mantra veenapanee vidyarthiji vivadit maamale aur ham vivek ranjan wildlife DUDHWA अ ध्यक्ष अंग्रेज़ी अंचरा अंतराग्नि अंतर्द्वंद्व अंतर्मंथन अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन अंतस अंधविश्वास अंशकालिक अनुदेशक अखंडता अगीतायन अग्ने अग्रवाल अचेतन अठखेली अति सुखा अभिलाषा अतीत अतुकांत कविता अदा अदावत अनमन अनवर जमाल अनाहत नाद. अनाहिता अनुकूला छंद अनुप्रास अनैतिकता अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस अन्धविश्वास अन्न अन्नकूट अन्ना हज़ारे अन्य कविताएँ अप:तत्व अपरा-शंभु संयोग अपराधीकरण अपशब्द अभिभावक अभियंता अभियान २६-२-२०२१ अभेद बुद्धि अमरकंटक छंद अमरेंद्र अनारायण अमोघ अस्त्र अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' अरमां अर्धनारीश्वर अल्पना अल्लाह अवतार अशांति अशोभनीय - धन अश्वती तिरुनाळ गौरी लक्ष्मीभायी असार असीम आस्था अहं आँख आँवला आंकिक उपमान आंसू आचार्य भगवत दुबे आचार्य संजीव वर्मा "सलिल" आज आजादी आणविक परिवार आतंक की समस्या आतंक हैरान नज़रें आदत आदि-वाणी आदिशक्ति आभा सक्सेना आभूषण आरक्षण आर्टेमिस आलिंगन आलेख- मत करें उपयोग इनका आल्हा गीत भारतवारे बड़े लड़ैया आवश्यक सूचना आशनां आस्था आज़ाद शहीद दिवस इंडियन जिओटेक्नीकल सोसायटी जबलपुर इंडियन ब्लॉगर्स असोसिएशन इच्छा इच्छाएं इन्डली इन्डियन धारावाहिक इन्डिया गेट इमली ईषत इच्छा उ. प्र. राजनीति के ये घोटाले उक्ति उचित मार्ग उत्तर प्रदेश असोसिएसन उत्तर प्रदेश का सच उत्तर प्रदेश ब्लॉगर्स एसोसियेशन उदारीकरण उदासीनता उधार उपन्यासकार और पटकथा उमन्ग उर्दु उल्लाला छंद उषा ऋचाएं ऋतु ऋषि ऋषि अनंग एक तत्व एक रचना आगे मत जा एकाक्षरी श्लोक एतबार एश्वर्य एसिड की शीशी एसे गीत ऐसी तान ओउम ओमप्रकाश तिवारी औरत क्या है कंगना कछारन कथा निराली | कथा-गीत बूढ़ा बरगद कन्घा कन्या भ्रूण-हत्या कब क्या : जनवरी कब्र कर्नाटक कलम कलियुग के मोहन कलुष कल्पना कल्पना रामानी कवि लखनऊ कविता दिया २ कविता दुबे कवित्त कांता रॉय जबलपुर में कागतन्त्र है कागज़-कलम कानून काफिया काम-सृष्टि कामनाएं कामरूप छंद कामिनि कायदे कायस्थ कारण कारण-ब्रह्म कारोबार कार्य कार्यशाला दोहा से कुण्डलिया कार्यशाला : मुक्तक कार्यशाला दोहा से कुण्डलिया कार्यशाला पद कार्यशाला- ​​​​छंद बहर का मूल है- २ कार्यशाला: दोहा - कुण्डलिया कालकांज काव्य और छंद काव्य गोष्ठेी काव्य छंद काव्य शाला काव्यानुवाद किसान किसान माहिया कीर्तिदा कुंभ कुञ्ज गली कुरआन कृष्ण कुमार "बेदिल" कृष्ण कुमार 'बेदिल' कृष्णमोहन छंद कोरोना कौन क्यूं न हुआ क्रमिक विकास क्षणिका खुरचहा पति खुशबू खुशियों की थिरकन खुशी खेल-व्यवसाय खेळ खौफ गंगटोक सवैया गंगा दोहा गंगोदक सवैया गणतंत्र गणतंत्र दोहे गणितीय मुक्तक गरिमा सक्सेना गरीबी ग़ज़ल अंदाज़े-बयाँ गाँव की गोरी गांव की समस्या; लेख;शिव गाय की रोटी गाली गीत चिरैया गीत - सियाहरण गीत : नया साल गीत अम्बर का छोर गीत काम तमाम तमाम का गीत कौन हैं हम? 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नवगीत गोल क्यों? नवगीत घोंसले में नवगीत छोडो हाहाकार मियाँ! नवगीत जगो सूर्य आता है नवगीत त्रिपदिक नवगीत दर्पण का दिल नवगीत दिवाली नवगीत नव वर्ष नवगीत नागफनी उग आयी नवगीत निर्माणों के गीत नवगीत पहले गुना नवगीत भटक न जाए नवगीत भीड़ में नवगीत मिली दिहाडी नवगीत में नए रुझान नवगीत राम बचाए नवगीत रार ठानते नवगीत लोकतंत्र का पंछी नवगीत वह खासों में खास है नवगीत शिव नवगीत संक्रांति काल है नवगीत संग्रह नवगीत सत्याग्रह के नाम पर नवगीत समय वृक्ष नवगीत समीक्षा नवगीत सड़क पर नवगीत सड़क पर... नवगीत: उगना नित नवगीत: उड़ चल हंसा नवगीत: दीन प्रदर्शन नवगीत: नाम बड़े हैं नवगीत: भाग्य कुंडली नवगीत: लोकतंत्र का पंछी बेबस नवगीत: कुण्डी खटकी नवगीत: छोडो हाहाकार मियाँ! नवगीत: बजा बाँसुरी नवगीत: भारत आ रै नवगीत: रब की मर्ज़ी नवभारत टाईम्स नशा नाक की सर्जरी नाग नाभिक ऊर्जा नारि नारी मुक्ति नारी-भाव नाश प्रकृति का निर्निमेष निर्विकार निष्काम कर्म निष्ठुरता नीति व्यवहार नीति-नियम नीति-व्यवहार नीलकंठ नेकियां नेह नर्मदा तीर पर नेह-नाता नैतिकता नैन-डोर नैना नौ कन्या न्यू-ईयर गिफ्ट नज़र नज़ारा पंचौदन अजः पद चिन्ह पद-चिन्ह पद्मिनी परब्रह्म परम-पिता परमाणु परमानंद परमार्थ परलोक परहित पराग पराया-धन पल- छिन पशु पहलू पाँच पर्व पायल पिचकारी पीयूषवर्ष छंद पीर पुरुषार्थ पुरोवाक : यह बगुला मन पुरोवाक ओस की बूँद पुरोवाक केरल एक झाँकी पुरोवाक बुधिया लेता टोह पुरोवाक् पुलिस पूजा पूर्ण-ब्रह्म पूर्णकाम पृथ्वी पैरोडी पोखर ठोके दावा प्यार प्रकृति प्रकृति दोहन प्रकृति बादल प्रजापति प्रणम्य शहीद प्रणय प्रणय -दीप प्रणय के पल प्रतिकण प्रतियोगिता प्रत्रकार प्रदूषण प्रभाव प्रभु प्रभु ज्ञान प्रश्न मन के प्राण शर्मा प्रातस्मरण स्तोत्र प्रिय प्रवास प्रीति के रंग प्रीति-चलन प्रेम के छःलक्षण प्रेम प्याला प्रेम ममता फरवरी कब क्या? 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आप सभी को हर्ष और बधाई के साथ यह सूचना देना चाहता हूँ कि LBA अपनी सफलता के उस मुक़ाम तक आ चुका है कि इसकी सदस्यता संख्या अपने चरण तक पहुँच चुकी है और जो ब्लॉगर्स बन्धु इससे जुड़ने की इच्छा रख रहे हैं और जिनके मेल मुझे मिल रहे हैं उसको मद्देनज़र रखते हुए नयी सदस्यता के इच्छुक ब्लॉगर्स को एक और भी शक्तिशाली और नया मंच का गठन आज किया जा रहा है जिसका नाम है 'ऑल इंडिया ब्लॉगर्स असोसिएशन' अर्थात AIBA ! इस मंच का हिस्सा सभी भारतीय बन सकते है, फ़िर चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में रह रहें हों !!!
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