भारत देश में ब्लोगिंग बहुत तेज़ी से अपनी जवानी की ओर क़दम बढ़ा रही है. एक ओर जहाँ दिनों दिन नए ब्लॉगर्स की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा बरपा है वहीँ कुछ ब्लॉगर्स कई वर्षों से हिंदी ब्लोगिंग की सेवा अपने अपने अंदाज़ में करते आ रहें हैं. अतिश्योक्ति न होगी कि अगर कहें कि लखनऊ ही भारत का सबसे ज़्यादा समर्पित हिन्दी ब्लॉगर देने वाला शहर है, वहीँ यह कहते हुए भी मुझे ज़रा भी हिचक न होगी कि लखनऊ के ब्लॉगर्स भारत देश में हिन्दी ब्लॉग जगत के लगातार कई वर्षों से सिरमौर बने हुए हैं. मैं कुछ श्रेष्ट, अच्छे और ब्लॉग के प्रति समर्पित ब्लॉगर्स का नाम लेना चाहता हूँ, जिनमें हैं:::
- ज़ाकिर अली 'रजनीश'
- महफूज़ अली
- डॉ० डंडा लखनवी
- अनवारुल हसन
- रविन्द्र प्रभात
- गिरिजेश राव
- हसन काज़मी
- ई-गुरु राजीव
- मुहम्मद शुएब
- रिया
- फ़वाज़ इक़बाल
- प्रकाश गोविन्द
- दिव्या श्रीवास्तव
- ज्योत्स्ना पाण्डेय
- मीनू खरे
- अली नक़वी
- ज़ीशान हैदर ज़ैदी
- प्रभात
- विनय प्रजापति
- रौशन
- और यह नाचीज़ (सलीम ख़ान)
(अगर कोई नाम छुट गया हो तो मुआफ़ कीजियेगा, अगली कड़ी में ज़रूर लिखूंगा. अगली कड़ी में लिंक दर लिंक और ब्लॉग दर ब्लॉग ब्यौरा पायें)
जानिए कैसे है लखनऊ के ब्लॉगर हैं भारत में सबसे श्रेष्ट!!! अगली कड़ी में !!!
इस बात में कोई दो राय नहीं कि सबसे ज्यादा ब्लोगर लखनऊ से हैं
ये श्रेष्ठ ब्लागर क्या होता है.....
लेखक किसी जाति , स्थान या देश से बंधा नहीं होता है, उसकी लेखनी जब चलती है तो सारी सीमाओं से परे वह लिखती है जो श्रेष्ठ होता है सिर्फ मानव समाज के लिए और मानव जाति के लिए. इस लिए सलीम भाई उसको शहर या गाँव की सरहदों में बांध कर छोटा मत बनाइये. मैं इस बात से सहमत हूँ कि सभी श्रेष्ठ ब्लोगर लखनऊ में रहते हैं लेकिन वे सम्पूर्ण देश के प्रतिनिधि भी हैं.
नकली हरीश सिंह को मेरे ब्ळॉग पोस्ट पर किए गये टिप्पणी का जवाब
हरीश, क्या तुम्हे मैने न्यौता भेजा था मेरे ब्ळॉग पर कमेंट करने के लिए आने को? अरे अगर तुममे दम है तो इस ब्लॉग जगत मे बहुत से ऐसे लेखक हैं जो अपने असली नाम से लिख रहे हैं (बी.एन शर्मा का ब्लॉग भण्डाफोडु उसमे से एक है) वहां तो कभी देखा नही, न ही देखा इस सलीम के ब्लॉग पर। वहां जाने के नाम पर पेचिशें चालू हो जाती हैं क्या? और तुम्हे वो पोस्ट नही दिखी जिसको आधार बना कर यह पोस्ट मैने ठेली है, न ही तुम्हे उस महामानव सलीम की पोस्ट दिखी जहां उसकमीने ने जापान त्रासदी को इस्लाम पर पाबंदी का प्रतिफल बताया है, तब तो तुम सलीम के साथ उसके बिस्तर मे घुस कर उसे मज़ा दे रहे थे, अब नींद खुली। वैसे मेरी भी असलियत उस शख्स को मालूम है जिसे लक्ष्य कर यह ब्लॉग बनाया गया है, मुझे तुम्हारे जैसे लोगो से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नही है।
कुछ लोग सुधर नहीं सकते, जैसे हमें गाली देने वाले यह महाशय जो शेर की खाल में छुपे गीदड़ हैं. इनके अहसास पर पता नहीं कितनी परते पड़ी हैं. और हमारे सलीम भाई इनके अन्दर का अहंकार मिट नहीं सकता. अरे भाई यह कहिये की लखनऊ में अच्छे बलोगर हैं, अधिक ब्लागर हैं. पर लखनऊ में ही अच्छे ब्लागर है यह तो अहंकार है आपका. खैर आपकी मर्ज़ी, आपका कंप्यूटर आपकी अंगुली जो चाहे लिख दे. बड़े शहरों में बड़ी बड़ी बातें होती रहती है.