सारा देश आज 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है .हम 15अगस्त को स्वतंत्रता दिवस भी मनाते हैं .दोनों दिवसो की अलग अलग महत्ता है .विदेशी शासन के साथ लम्बे संघर्ष में हमारे अनगिनत वीरों की कुर्बानियों का परिणाम है स्वतंत्रता .इसलिये हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं ...
जब किसी से यह पूछा जाता है की हम गणतंत्र दिवस क्यूँ मनाते हैं ?एक ही जबाब आता है कि आज के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था ....अधिकतर कार्यक्रमो में वक्ताओं के भाषण दोनों दिवसो पर एक जैसे होते हैं ....नेता व अधिकारी इनके फर्क को बहुत कां जानते हैं५३
यह सच हैं कि आज के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था .पर इस संविधान ने हमारे देश एक गणतंत्र घोषित
किया था .अत:संविधान को जानने के लिये हमें गणतंत्र को जानना ज़रूरी है.
इतिहास के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि अधिकतर देशों में पहले राजतंत्र ही थे .समय के साथ राजतंत्र का लोकतंत्रीकरण सबसे पहले ब्रिटेन में हुआ जहां सीमित राजतंत्र को अपनाया गया है .जबकि लोकतंत्र का घर ब्रिटेन को ही माना जाता है .
संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का सबसे पहला गणतन्त्र था .उसके बाद कई राज्यों ने गणतान्त्रिक व्यवस्था अपनाई .
गणतंत्र (Republic) को परिभाषित करते हुए Encyclopedia of Britainica में बताया गया है कि गणतंत्र वह लोकतांत्रिक प्रणाली है ज़िसकी दो विशेषतायें होती हैं -
प्रथम , राज्य प्रधान जनता द्वारा निर्वाचित( प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष ) होता है ,
द्वितीय , राज्य प्रधान वंशानुगत नहीं होता .
हमारे देश में भी गणतांत्रिक संविधान अंगीकृत किया गया है इसका अर्थ है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को यह अवसर प्राप्त है कि वह अपनी क्षमता का प्रयोग करके राज्य के सर्वोच्च पद पर पहुँच सके .
हमारे देश में विभिन्न दलित व पिछडे वर्गों के व्यक्ति भी राष्ट्रपति के रूप में राज्य प्रधान के सर्वोच्च पद पर पहुचे हैं जैसे आर के नारायणनम ( दलित S C ).
जैल सिंह ( बढ़ई ).कलाम साहब (मछुआरा परिवार ).यह गणतंत्र ही संभव है
आज के दिन हमने एक ऐसे गणतान्त्रिक संविधान को लागू किया था जो एक लोकतांत्रिक .धर्मनिरपेक्ष,प्रभुसत्ता सम्पन्न समाज के निर्माण का वचन दिता है ज़िसमे सभी को स्वतंत्रता ,समानता व न्याय मिले .सभी भाईचारे के साथ रहें .
इसी कारण हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं
यह सच हैं कि आज के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था .पर इस संविधान ने हमारे देश एक गणतंत्र घोषित
किया था .अत:संविधान को जानने के लिये हमें गणतंत्र को जानना ज़रूरी है.
इतिहास के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि अधिकतर देशों में पहले राजतंत्र ही थे .समय के साथ राजतंत्र का लोकतंत्रीकरण सबसे पहले ब्रिटेन में हुआ जहां सीमित राजतंत्र को अपनाया गया है .जबकि लोकतंत्र का घर ब्रिटेन को ही माना जाता है .
संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का सबसे पहला गणतन्त्र था .उसके बाद कई राज्यों ने गणतान्त्रिक व्यवस्था अपनाई .
गणतंत्र (Republic) को परिभाषित करते हुए Encyclopedia of Britainica में बताया गया है कि गणतंत्र वह लोकतांत्रिक प्रणाली है ज़िसकी दो विशेषतायें होती हैं -
प्रथम , राज्य प्रधान जनता द्वारा निर्वाचित( प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष ) होता है ,
द्वितीय , राज्य प्रधान वंशानुगत नहीं होता .
हमारे देश में भी गणतांत्रिक संविधान अंगीकृत किया गया है इसका अर्थ है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को यह अवसर प्राप्त है कि वह अपनी क्षमता का प्रयोग करके राज्य के सर्वोच्च पद पर पहुँच सके .
हमारे देश में विभिन्न दलित व पिछडे वर्गों के व्यक्ति भी राष्ट्रपति के रूप में राज्य प्रधान के सर्वोच्च पद पर पहुचे हैं जैसे आर के नारायणनम ( दलित S C ).
जैल सिंह ( बढ़ई ).कलाम साहब (मछुआरा परिवार ).यह गणतंत्र ही संभव है
आज के दिन हमने एक ऐसे गणतान्त्रिक संविधान को लागू किया था जो एक लोकतांत्रिक .धर्मनिरपेक्ष,प्रभुसत्ता सम्पन्न समाज के निर्माण का वचन दिता है ज़िसमे सभी को स्वतंत्रता ,समानता व न्याय मिले .सभी भाईचारे के साथ रहें .
इसी कारण हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं
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