जोहोर बहरू (मलेशिया ): वैश्विक स्तर पर ब्लॉगरों को एकजुट कर साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों को प्राणवायु देने के उद्देश्य से संस्थापित संस्था परिकल्पना के तत्वावधान में विगत 21 जून 2017 और 25 जून 2017 के बीच सिंगापुर और मलेशिया के जोहोर बहरू तथा कुवलालम्पुर में आठवाँ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व नगर विकास मंत्री श्री नकुल दुबे, उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस अधिकारी श्रीमती सत्या सिंह "हुमैन" तथा उत्तराखंड के वरिष्ठ साहित्यकार श्री नीरज कुमार "नैथानी" की गरिमामयी उपस्थिती में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व नगर विकास मंत्री श्री नकुल दुबे ने कहा कि आज जहां पूरा विश्व विकास और प्रगति की अंधी दौड़ में इस कदर भाग रही है कि मनुष्य का आंतरिक और भावनात्मक पहलू गौण होता जा रहा है। ऐसे में लखनऊ के एक ब्लॉगर रवीन्द्र प्रभात के द्वारा अपनों को अपनों के साथ मिलन कराने तथा भारतीय महाद्वीप की साहित्यिक-सांस्कृतिक विरासत को पूरी दुनिया में फैलाने की दिशा में कार्य करना गर्व महसूस कराता है। परिकल्पना को मेरी शुभकामनायें और भारतीय ब्लॉगरों को बहुत-बहुत बधाइयाँ।
इस अवसर पर परिकल्पना समय पत्रिका के मुख्य संपादक श्री रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि "ब्लॉगिंग वुद्धिजीवियों का एक प्रमुख आहार है, क्योंकि ब्लॉगिंग ने हमारे हाथ में ऐसा हथियार दिया है जिससे हम दुनिया के किसी भी कोने में पलक झपकते पहुँच सकते हैं।”
23 जून 2017 को मलेशिया के जोहोर बहरू में योजित आठवें अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में उत्तराखंड के वरिष्ठ साहित्यकार श्री नीरज कुमार नैथानी, श्री जय कृष्ण पैन्यूली, श्री धीरेन्द्र सिंह रांगढ, रेवान्त पत्रिका की संपादक डॉ अनीता श्रीवास्तव, लोक गायिका कुसुम वर्मा, पुरातत्वविद डॉ रमाकांत कुशवाहा ‘कुशाग्र‘, शिक्षाविद डॉ विजय प्रताप श्रीवास्तव, श्री उमेश पटेल श्रीश, सचिंद्रनाथ मिश्र और अंकिता सिंह आदि भी सम्मानित किए गए।
इस अवसर पर भारतीय सभ्यता-संस्कृति को आयामित करती लोक कला प्रदर्शनी, नृत्य, गीत के साथ-साथ परिकल्पना की स्मारिका का भी लोकार्पण भी संपन्न हुआ।
इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन हुआ, कार्यक्रम का संचालन लखनऊ की श्रीमती कुसुम वर्मा और गोरखपुर के श्री उमेश पटेल श्रीश ने किया।
(जोहोर बहरू से सांस्कृतिक संबाददाता की रपट)
इस तरह के आयोजन ब्लोगिंग के विकास में मील कि पत्थर साबित होते है. बहुत अच्छी रिपोर्ट.