6 अगस्त,2017 को,नई दिल्ली,कनाट प्लेस के 'ऑक्सफ़ोर्ड बुक सेंटर में 'लेखन व प्रकाशन कार्यशाला का आयोजन' माय बुक पब्लिकेशन' की ओर से किया गया|इस कार्यशाला को,मुख्य वक्ता के रूप में अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्यकार श्री लक्षमण राव जी ने संबोधित किया| यहाँ उल्लेखनीय है कि श्री राव ने आर्थिक रूप से संपन्न न होते हुए भी ,अपने अथक परिश्रम,लगन व दृढ़ निश्चय के बल पर,अभी तक 25 पुस्तकों का लेखन व प्रकाशन किया है|श्री राव का कहना है कि सिर्फ साहित्यिक लेखन के सहारे, घर नहीं चलाया जा सकता ,इसलिए आज भी दिल्ली के 'हिंदी -भवन' के पास,पटरी पर वे अपनी छोटी सी चाय की दुकान चला रहे हैं|
नये लेखकों के लिए उनका सन्देश है कि लेखन कर्म इतना सहज नहीं है,इसके लिए दृढ़ इच्छा-शक्ति,लगातार प्रयास व अध्ययन की आवश्यकता है|नयी पीढ़ी में धैर्य की कमी है,उसे सब कुछ फटाफट चाहिये| साहित्यिक लेखन में तुरंत कुछ नहीं मिलता| इसके अलावा राव जी ने लेखन के क्षेत्र से जुड़े,जीवन के अन्य खट्टे-मीठे अनुभवों को भी साझा किया | नये लेखकों ने,लेखन व प्रकाशन से सबंधित अनेक सवाल भी किये,जिनका उन्होन्हें बड़ी सहजता से जवाब दिया|
इस अवसर पर श्री सुप्रीत अरोड़ा जी ने ब्लॉग-लेखन से सबंधित जानकारी भी उपस्थित लेखक समुदाय को दी|
इस अवसर के कुछ अन्य झलकियां|
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