*
०१
दिग दिगंत
व्याप्त प्रभु नमन
कहीं न अंत
०२
देश विशेष
है हमारा भारत
कीर्ति अशेष
०३
मन मोहतीं
धूप-छाँव दोनों ही
सच सोहतीं
०४
गाँव न गोरी
अब है सियासत
धनी न धोरी
०५
तितली उड़ी
पकड़ने की चाह
फुर्र हो गयी
०६
ओस कणिका
मुदित मुकुलित
पुष्प कलिका
०७
कुछ तो करें
महज आलोचना
पथ न वरें
०८
मन मोहतीं
धूप-छाँव दोनों ही
सच सोहतीं
०४
गाँव न गोरी
अब है सियासत
धनी न धोरी
०५
तितली उड़ी
पकड़ने की चाह
फुर्र हो गयी
०६
ओस कणिका
मुदित मुकुलित
पुष्प कलिका
०७
कुछ तो करें
महज आलोचना
पथ न वरें
०८
झिलमिलायीं
दीपकों की कतारें
खिलखिलायीं.
०९
सूरज ढला
तिमिर को मिटाने
दीपक जला.
१०
ओबामा बम
नेताओं की घोषणा
दोनों बेकाम.
११
मना दिवाली
हो गयी जेब खाली
आगे कंगाली.
१२
देव सोये हैं
जागेंगे ग्यारस को
पूजा कैसे की?.
१३
न हो उदास
दीप से बोली बाती
करो प्रयास.
१४
दीपों ने घेरा
हारा, भागा अँधेरा
हुआ सवेरा..
१५
भू पर आये
सूरज के वंशज
दीपक बन.
१६
महल छोड़
कुटियों में जलते
चराग हँसते.
१७
फुलझड़ियाँ
आशाओं की लड़ियाँ
जगमगायीं.
१८
बन अचला
तो स्वागत, वर्ना जा
लक्ष्मी चंचला.
१९
किसी की सगी
ये लक्ष्मी नहीं रही
फिर भी पुजी.
२०
है उपहार
ध्वनि-धुआँ प्रदूषण
मना त्यौहार.
२१
हुए निसार
खुद पर खुद ही
हम बेकार.
२२
लिया उधार
खूब मना त्यौहार
अब बेज़ार.
हरियाणवी हाइकु
२३
घणा कड़वा
आक करेला नीम
भला हकीम
२४
गोरी गाम की
घाघरा-चुनरिया
नम अँखियाँ
२३
घणा कड़वा
आक करेला नीम
भला हकीम
२४
गोरी गाम की
घाघरा-चुनरिया
नम अँखियाँ
२५
बैरी बुढ़ापा
छाती तान के आग्या
अकड़ कोन्या
२६
जवानी-नशा
पोरी पोरी मटकै
जोबन-बम
२७
कोरा कागज
हरियाणवी हाइकु
लिक्खण बैठ्या
२८
'हरि' का 'यान'
देस प्रेम मैं आग्गै
'बहु धान्यक'
२९
पीछै पड़ गे
टाबर चिलम के
होश उड़ गे ।
३०
मानुष एक
छुआछूत कर्या
रै बेइमान
३१
हैं भारतीय
आपस म्हं विरोध
भूल भी जाओ
३२
चिन्ता नै चाट्टी
म्हारी हाण कचोट
रंज नै खाई
३३
ना है बाज का
चिडिय़ा नै खतरा
है चिड़वा का
३४
गुरू का दर्जा
शिक्षा के मन्दिर मैं
सबतै ऊँच्चा
३५
कली नै माली
मसलण लाग्या हे
बची ना आस
३६
माणस-बीज
मरणा हे लड़कै
नहीं झुककै
३७
लड़ी लड़ाई
जमीन छुड़वाई
नेता लौटाई
३८
भुख्खा किसाण
कर्ज से कर्ज तारै
माटी भा दाणे
बाग म्हं कूकै
बिरहण कोयल
दिल सौ टूक
बैरी बुढ़ापा
छाती तान के आग्या
अकड़ कोन्या
२६
जवानी-नशा
पोरी पोरी मटकै
जोबन-बम
२७
कोरा कागज
हरियाणवी हाइकु
लिक्खण बैठ्या
२८
'हरि' का 'यान'
देस प्रेम मैं आग्गै
'बहु धान्यक'
२९
पीछै पड़ गे
टाबर चिलम के
होश उड़ गे ।
३०
मानुष एक
छुआछूत कर्या
रै बेइमान
३१
हैं भारतीय
आपस म्हं विरोध
भूल भी जाओ
३२
चिन्ता नै चाट्टी
म्हारी हाण कचोट
रंज नै खाई
३३
ना है बाज का
चिडिय़ा नै खतरा
है चिड़वा का
३४
गुरू का दर्जा
शिक्षा के मन्दिर मैं
सबतै ऊँच्चा
३५
कली नै माली
मसलण लाग्या हे
बची ना आस
३६
माणस-बीज
मरणा हे लड़कै
नहीं झुककै
३७
लड़ी लड़ाई
जमीन छुड़वाई
नेता लौटाई
३८
भुख्खा किसाण
कर्ज से कर्ज तारै
माटी भा दाणे
बाग म्हं कूकै
बिरहण कोयल
दिल सौ टूक
३९
चिट्ठी आई सै
आंख्या पाणी भरग्या
फौजी हरख्या
३९
सब नै दंग
करती चूड़ी-बिंदी
मैडल ल्याई
४०
लाडो आ तूं
किलकारी मारकै
सुपणा मेरा
*
चिट्ठी आई सै
आंख्या पाणी भरग्या
फौजी हरख्या
३९
सब नै दंग
करती चूड़ी-बिंदी
मैडल ल्याई
४०
लाडो आ तूं
किलकारी मारकै
सुपणा मेरा
*
हाइकु गीत:
आँख का पानी
संजीव 'सलिल'
*
आँख का पानी,
मर गया तो कैसे
धरा हो धानी?...
*
तोड़ बंधन
आँख का पानी बहा.
रोके न रुका.
आसमान भी
हौसलों की ऊँचाई
के आगे झुका.
कहती नानी
सूखने मत देना
आँख का पानी....
*
रोक न पाये
जनक जैसे ज्ञानी
आँसू अपने.
मिट्टी में मिला
रावण जैसा ध्यानी
टूटे सपने.
आँख से पानी
न बहे, पर रहे
आँख का पानी...
*
पल में मरे
हजारों बेनुगाह
गैस में घिरे.
गुनहगार
हैं नेता-अधिकारी
झूठे-मक्कार.
आँख में पानी
देखकर रो पड़ा
आँख का पानी...
*
आँख का पानी
संजीव 'सलिल'
*
आँख का पानी,
मर गया तो कैसे
धरा हो धानी?...
*
तोड़ बंधन
आँख का पानी बहा.
रोके न रुका.
आसमान भी
हौसलों की ऊँचाई
के आगे झुका.
कहती नानी
सूखने मत देना
आँख का पानी....
*
रोक न पाये
जनक जैसे ज्ञानी
आँसू अपने.
मिट्टी में मिला
रावण जैसा ध्यानी
टूटे सपने.
आँख से पानी
न बहे, पर रहे
आँख का पानी...
*
पल में मरे
हजारों बेनुगाह
गैस में घिरे.
गुनहगार
हैं नेता-अधिकारी
झूठे-मक्कार.
आँख में पानी
देखकर रो पड़ा
आँख का पानी...
*
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