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संविधान की
संविधान की
शपथ लिए पर
संविधान को ठुकराते हैं।
मनमाना
आचरण करें फिर
संविधान की जय गाते हैं।
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तन मेकअप से
हुआ सुसज्जित
मन काला का काला यारो!
वादा कर
जीते चुनाव फिर
जुमला कह झुठलाते प्यारो!
बेच-खरीद विधायक
सत्ता पलटाते
फिर इठलाते हैं।
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जिनके साथ
रहे सत्ता में
उनको ही गद्दार बताते।
मिला सहारा
जिससे उसका
मौका मिलते गला दबाते।
फूट डालकर
राज कर रहे
लक्ष्य एकता बतलाते हैं।
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आँख मिलाकर
काम बनाते,
काम हुआ तो आँख चुराते।
आँख फेरकर
पीठ दिखाते,
गलत कराने आँखें दिखाते।
राष्ट्र-हितों की
आकर नीलामी,
राष्ट्र हितों की जय गाते हैं।
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६-१-२०२१
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