मुहावरों ,लोकोक्तियों, गीतों में धन
संजीव
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संजीव
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०१. टके के तीन
०२. कौड़ी के मोल
०३. दौलत के दीवाने
०४. लछमी सी बहू
०५. गृहलक्ष्मी
०६. नौ नगद न तरह उधार
०७. कौड़ी-कौड़ी को मोहताज
०८. बाप भला न भैया, सबसे भला रुपैया
०९. घर में नईंयाँ दाने, अम्मा चली भुनाने
१०. पुरुष पुरातन की वधु, क्यों न चंचला होय?
११. एक चवन्नी चाँदी की, जय बोलो महात्मा गाँधी की
गीत
०१. आमदनी अठन्नी अउ; खर्चा रुपैया
तो भैया ना पूछो, ना पूछो हाल, नतीजा ठनठन गोपाल
०२. पांच रुपैया, बारा आना, मारेगा भैया ना ना ना ना -चलती का नाम गाड़ी
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