अगर सफलता चाहता, खुद को बना सुपात्र।
कभी न देती सफलता, केवल किस्मत मात्र।।
केवल किस्मत मात्र, न सिंह-मुख में मृग देती।
जाग दौड़ खुद मार, कौर मुँह में तब देती।।
कहे सलिल संजीव, भुनाए जो हर अवसर।
खुद को साबित करे, करो मत अगर या मगर।।
*
संजीव
४-२-२०२०
९४२५१८३२४४
कभी न देती सफलता, केवल किस्मत मात्र।।
केवल किस्मत मात्र, न सिंह-मुख में मृग देती।
जाग दौड़ खुद मार, कौर मुँह में तब देती।।
कहे सलिल संजीव, भुनाए जो हर अवसर।
खुद को साबित करे, करो मत अगर या मगर।।
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संजीव
४-२-२०२०
९४२५१८३२४४
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