सूरज
*
*
१
आँख रजनी से चुराता सूरज.
बाँह में एक चाह में दूजी..
आँख ऊषा से लडाता सूरज...
*
जाल किरणों का बिछाता सूरज.
कोई अपना न पराया कोई..
सभी सोयों को जगाता सूरज..
*
भोर पूरब में सुहाता सूरज.
दोपहर देखना भी मुश्किल हो..
शाम पश्चिम को सजाता सूरज...
*
काम निष्काम हर करता सूरज.
मंजिलें नित नयी वरता सूरज..
भाग्य अपना खुदी गढ़ता सूरज...
*
२
*
बिना नागा निकलता है सूरज.
कभी आलस नहीं करते देखा..
तभी पाता सफलता है सूरज...
*
सुबह खिड़की से झाँकता सूरज.
कह रहा तंम को जीत लूँगा मैं..
कम नहीं ख़ुद को आँकता सूरज...
*
उजाला सबको दे रहा सूरज.
कोई अपना न पराया कोई..
दुआएँ सबकी ले रहा सूरज...
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आँख रजनी से चुराता सूरज.
बाँह में एक चाह में दूजी..
आँख ऊषा से लडाता सूरज...
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जाल किरणों का बिछाता सूरज.
कोई अपना न पराया कोई..
सभी सोयों को जगाता सूरज..
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भोर पूरब में सुहाता सूरज.
दोपहर देखना भी मुश्किल हो..
शाम पश्चिम को सजाता सूरज...
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काम निष्काम हर करता सूरज.
मंजिलें नित नयी वरता सूरज..
भाग्य अपना खुदी गढ़ता सूरज...
*
२
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बिना नागा निकलता है सूरज.
कभी आलस नहीं करते देखा..
तभी पाता सफलता है सूरज...
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सुबह खिड़की से झाँकता सूरज.
कह रहा तंम को जीत लूँगा मैं..
कम नहीं ख़ुद को आँकता सूरज...
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उजाला सबको दे रहा सूरज.
कोई अपना न पराया कोई..
दुआएँ सबकी ले रहा सूरज...
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