चला जारहा मौन
कमर झुकाए लाठी टेके
तन पर धोती एक लपेटे|
नंगे पैरों कठिन मार्ग पर ,
चलाजारहा कौन -
चला जारहा मौन ||
रघुपति राघव राजा राम ,
पतित-पावन सीता राम |
मधुरिम स्वर लहरी में गाता ,
चला जारहा मौन,
चला जारहा कौन ||
पत्थर पर पद चिन्ह बनाता ,
आज़ादी की राह दिखाता|
सारा जग है जिसके पीछे ,
चला जारहा मौन,
चला जारहा कौन ||
ये तो अपने राष्ट्र पिता हैं ,
ये तो अरे महात्मा गांधी|
ये तो विश्व पूज्य बापू हैं,
ये तो रे इस युग की आंधी |
हम सबको है एक्य सिखाता,
चला जारहा मौन ,
चलाजारहा मौन |
कमर झुकाए लाठी टेके
तन पर धोती एक लपेटे|
नंगे पैरों कठिन मार्ग पर ,
चलाजारहा कौन -
चला जारहा मौन ||
रघुपति राघव राजा राम ,
पतित-पावन सीता राम |
मधुरिम स्वर लहरी में गाता ,
चला जारहा मौन,
चला जारहा कौन ||
पत्थर पर पद चिन्ह बनाता ,
आज़ादी की राह दिखाता|
सारा जग है जिसके पीछे ,
चला जारहा मौन,
चला जारहा कौन ||
ये तो अपने राष्ट्र पिता हैं ,
ये तो अरे महात्मा गांधी|
ये तो विश्व पूज्य बापू हैं,
ये तो रे इस युग की आंधी |
हम सबको है एक्य सिखाता,
चला जारहा मौन ,
चलाजारहा मौन |
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (31/1/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
अच्छी प्रस्तुति ... बापू जी को श्रधांजलि ...
अच्छी प्रस्तुति ..
धन्यवाद , डा गेरोला ...मगर पूछता कौन...?
धन्यवाद वन्दना जी---सुन्दर चर्चामन्च सजाने के लिये...
धन्यवाद---सलीम भाई...