ॐ
शारदे माँ!
तार दे माँ!
मन विकल है
प्यार दे माँ।।
*
करो छाया, हरो माया,
साधना कर सके काया।।
वंदना कर, प्रार्थना कर,
अर्चना कर सिर नवाया।।
भाव सुमन बटोर लाया
हँस इन्हें स्वीकार ले माँ!
मन विकल है
प्यार दे माँ
शारदे माँ!
तार दे माँ!
*
मति पुनीता, हो विनीता,
साम गाए, बाँच गीता।।
कथ्य रस लय भाव अर्पित
अर्चना कर सिर नवाया।।
शब्द-सुमन बटोर लाया
हँस इन्हें स्वीकार ले माँ!
मन विकल है
प्यार दे माँ
शारदे माँ!
तार दे माँ!
*
रच ऋचाएँ साम गाऊँ,
तुझे मन में बसा पाऊँ।
बहुत भूला, बहुत भटका
अब तुम्हीं में मैं समाऊँ।।
सत्य-शिव-सुंदर रचा माँ
भव तरूँ, पतवार दे माँ!
शारदे माँ!
तार दे माँ!
*
२७-१-२०२१
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