
दीप जलें ..डा श्याम गुप्त की ग़ज़ल....
दीप जलें सुख सम्पति आये ।
खुशी से दामन भरता जाए।
नव उमंग उल्लास बसे मन,
जीवन महक-महकता जाए।
आशा औ विश्वास का दीपक ,
जगमग ज्योति जगाता जाए।
हर्षित दीपित तेरा तन मन,
याद हमें भी करता जाए।
हर पल जीवन बगिया का ध्वज,
श्याम, लहर-लहराता जाए॥
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खुशी से दामन भरता जाए।
नव उमंग उल्लास बसे मन,
जीवन महक-महकता जाए।
आशा औ विश्वास का दीपक ,
जगमग ज्योति जगाता जाए।
हर्षित दीपित तेरा तन मन,
याद हमें भी करता जाए।
हर पल जीवन बगिया का ध्वज,
श्याम, लहर-लहराता जाए॥