माधुरी गुप्ता जी पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी देते हुए धरी गईं 007 Indian Bond Madhuri Gupta

जब ऊंची शिक्षा पाने के लिए कोई मोटी रक़म लगाएगा तो वह उसे कई गुना वापस चाहेगा ही , ख़ास तौर से तब जबकि वह ऐसी फ़ैमिली बैकग्राउंड रखता हो जहां बच्चे की तालीम और परवरिश पर आये ख़र्च तक को लड़की पक्ष से ब्याज सहित वसूलने की परम्परा हो । जहां दौलत को बाक़ायदा ईश्वर की पत्नी का दर्जा दे दिया गया हो ।
... लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि प्यादों की बलि चढ़ा दी जाती है और मास्टर माइंड अपने राजनैतिक आक़ाओं के कारण बच निकलते हैं । काश ! इस बार ऐसा न हो । एक बात यह भी क़ाबिले ग़ौर है कि 1 - क्या एक माधुरी के पकड़े जाने के बाद अब सारे हिन्दुओं या सारे बनियों को उसी प्रकार शक की नजर से देखा जाएगा जैसे कि अगर माधुरी की जगह किसी मुस्लिम के पकड़े जाने पर किया जाता ?
2 - क्या अब मुसलमानों के अलावा अन्य समुदायों में भी देशद्रोहियों और आतंकवादियों की तलाश की जाएगी ?
3 - मुसलमानों को तो निशाने पर रखा गया और दूसरों की तरफ़ पर्याप्त तवज्जो न दी गयी जिसकी वजह से दौलत के पुजारी देश को बेहिचक बेचते रहे । क्या अब दौलत की हद से बढ़ी हुई हवस और मुसलमानों से बिला वजह नफ़रत को कम करने के लिए सरकार या समाज कुछ सोचेगा ?
देश और समाज को मजबूत बनाने के लिए हमें देश के ग़द्दारों को सिर्फ़ ग़द्दार के रूप में पहचानना होगा और अपने कुत्सित मक़सद के लिए बिला वजह मुसलमानों को बदनाम करने वालों के हौसले पस्त करने होंगे ।
अन्त में मैं कहना चाहूंगा कि कभी कभी भोले भाले आदमी को मक्कार आदमी फंसा भी देते हैं क्योंकि हमेशा चीज़े वैसी नहीं होती जैसी कि वे नज़र आती हैं ।
अभी कोई राय क़ायम न कीजिये । पहले जांच हो जाने दीजिए ताकि सच सामने आ जाये ,अगर दबा न दिया जाए तो .... ।
... लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि प्यादों की बलि चढ़ा दी जाती है और मास्टर माइंड अपने राजनैतिक आक़ाओं के कारण बच निकलते हैं । काश ! इस बार ऐसा न हो । एक बात यह भी क़ाबिले ग़ौर है कि 1 - क्या एक माधुरी के पकड़े जाने के बाद अब सारे हिन्दुओं या सारे बनियों को उसी प्रकार शक की नजर से देखा जाएगा जैसे कि अगर माधुरी की जगह किसी मुस्लिम के पकड़े जाने पर किया जाता ?
2 - क्या अब मुसलमानों के अलावा अन्य समुदायों में भी देशद्रोहियों और आतंकवादियों की तलाश की जाएगी ?
3 - मुसलमानों को तो निशाने पर रखा गया और दूसरों की तरफ़ पर्याप्त तवज्जो न दी गयी जिसकी वजह से दौलत के पुजारी देश को बेहिचक बेचते रहे । क्या अब दौलत की हद से बढ़ी हुई हवस और मुसलमानों से बिला वजह नफ़रत को कम करने के लिए सरकार या समाज कुछ सोचेगा ?
देश और समाज को मजबूत बनाने के लिए हमें देश के ग़द्दारों को सिर्फ़ ग़द्दार के रूप में पहचानना होगा और अपने कुत्सित मक़सद के लिए बिला वजह मुसलमानों को बदनाम करने वालों के हौसले पस्त करने होंगे ।
अन्त में मैं कहना चाहूंगा कि कभी कभी भोले भाले आदमी को मक्कार आदमी फंसा भी देते हैं क्योंकि हमेशा चीज़े वैसी नहीं होती जैसी कि वे नज़र आती हैं ।
अभी कोई राय क़ायम न कीजिये । पहले जांच हो जाने दीजिए ताकि सच सामने आ जाये ,अगर दबा न दिया जाए तो .... ।