देखिये , क्या कर रहे हैं अरब के श्ोख साहब भारतीय महिला के साथ?

अतिथि देवो भवःयह भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों में से है बल्कि मेहमान का सत्कार तो हरेक संस्कृति में पाया जाता है । लेकिन मेहमान की भी एक मर्यादा होती है और मेज़बान की भी । दोनों को इसका पाबन्द रहना चाहिये ख़ास तौर से तब तो और भी ज़्यादा जबकि वे दोनों दो मुल्कों के प्रतिनिधि बनकर मिल रहे हों ।श्ोख अल मख़तूम यू ए ई के प्रधानमन्त्री और उप राष्ट्रपति हैं । वह भारत आये तो उन्हें भारतीय महिला से अरब और इसलामी परम्परा के अनुरूप दूर से ही सलाम करना चाहिये था और भारतीय ने़त्री को भी भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही मेहमान को दूर से ही नमस्कार करना चाहिये था लेकिन दोनों ने हाथ मिलाया ।क्यों ?लोग समझते हैं कि इसलाम और भारतीय संस्कृति की कोई बात भी नहीं मिलती । उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिये